यह कैसी होनी सी आती है शाम के बाद तेरा नाम ही आता है मेरे नाम के बाद इसी को सलाम ई इश्क कहते हैं मेरी जान तुमने नजरें झुका ली मेरे सलाम के बाद
यह कैसी होनी सी आती है शाम के बाद तेरा नाम ही आता है मेरे नाम के बाद इसी को सलाम ई इश्क कहते हैं मेरी जान तुमने नजरें झुका ली मेरे सलाम के बाद
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मेरे सामने महफिल में आए बैठे हैं अपने हाथों में मेरा दिल दबाए बैठे जब हमने पूछा कि क्या है हाथों में बहाना बना दिया कि मेहंदी लगाए बैठे
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जब भी अकेला तुमको पता हो ना जाने क्या हो जाता है अपनी क्या बताऊं दिल भी ना जाने कहां खो जाता है
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मोहब्बत रंग दे जाती है जब दिल दिल से मिलता है और मुश्किल है तो यह है कि दिल बड़ी मुश्किल से मिलता है
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मुलाकात नहीं हो सकती प्यार की बात नहीं हो सकती हो सकता है कभी दिन शुभ का चैन की रात नहीं हो सकती
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