एक मूर्ति बेचने वाले गरीब कलाकार के लिए…किसी ने क्या खूब लिखा है…. “”गरीबो के बच्चे भी खाना खा सके त्योहारों में, तभी तो भगवान खुद बिक जाते है बाजारों में..!
एक मूर्ति बेचने वाले गरीब कलाकार के लिए…किसी ने क्या खूब लिखा है…. “”गरीबो के बच्चे भी खाना खा सके त्योहारों में, तभी तो भगवान खुद बिक जाते है बाजारों में..!
आसमान में उड़ने वाले जरा ये खबर भी रख….!! जन्नत पहुँचने का रास्ता मिट्टी से ही गुजरता है….!!
ग़रीबों से करीब का रिश्ता भी छुपाते हैं लोग और अमीरों से दूर का रिश्ता भी बड़ा चढ़ा कर बताते हैं लोग…!!
माचिस की ज़रूरत यहाँ नहीं पड़ती… यहाँ आदमी आदमी से जलता है…!!
मै गरीब का बच्चा था इसलिये भूखा रह गया, . . . पेट भर गया वो कुत्ता जो अमीर के घर का था ।
जिनके पास सिर्फ सिक्के थे वो मज़े से भीगते रहे बारिश में …. जिनके जेब में नोट थे वो छत तलाशते रहे .
कामयाब लोग ” अपने फेसले ” से दुनिया बदल देते हे !! और नाकामयाब लोग दुनिया के डर से “अपने फेसले ” बदल लेते हे !!”
क्या किस्मत पाई है रोटीयो ने भी निवाला बनकर, रहिसो ने आधी फेंक दी, गरीब ने आधी में जिंदगी गुज़ार दी!!
माँ-बाप का घर बिका तो बेटी का घर बसा, कितनी नामुराद है ये रस्म दहेज़ भी !!
कैसे बनेगा वो अमीर हिसाब का कच्चा बिखारी.. एक सिक्के की बदोलत जो बेशकीमती दुआयें दे देता है..।।
बुराई इसलिये नही बढती की बुरे लोग बढ गये है , बुराई इसलिये बढती है कि बुराई को सहन करने वाले लोग बढ गये हैं !
कर्मो से ही पहचान होती है इंसानों की.. अच्छे कपड़े तो बेजान पुतलो को भी पहनाये जाते है..।।तिजोरी में पड़ी हुई लक्ष्मी इंसान को बहुत अच्छी लगती है….! तो फिर औरत के पेट में पल रही लक्ष्मी से इतनी नफ़रत क्यों …?
हर शख्स परिन्दोँ का हमदर्द नही होता मेरे दोस्त.। . बहुत बे दर्द बेठे हैँ दुनिया मैँ जाल बिछाने वाले.।
गरीबो की बस्ती में जरा जाकर तो देखो, वहाँ बच्चे भुखे तो मिलेगें, मगर उदास नही !
अपनी उम्र और पैसों पर कभी घमंड मत करना क्योंकि जो चीज़ें गिनी जा सकें वो यक़ीनन ख़त्म हो जाती हैं !!!
क्या दौर आया है- एक तरफ, कुछ अमीर लोग “”कितना सोना”” खरीदे ये सोच रहे है. और दूसरी तरफ, कुछ गरीब लोग “”कहां सोना है”” ये सोच रहे है.
जो व्यक्ति छोटी -छोटी बातों में सच्चाई को गंभीरता से नहीं लेता उसपर बड़ी बातों में भी विश्वास नहीं किया जा सकता .